अंतर्राष्ट्रीय कुरआनी समाचार एजेंसी (IQNA) ने असाही शिंबुन समाचार पत्र के मुताबिक बताया कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विदोडो ने शुक्रवार से अगले साल अप्रैल के चुनाव के लिए का अभियान शुरू किया।
उन्हें इस्लामी दलों के समर्थन की आशा है कि देश एक बार फिर 2014 के चुनाव की तरह अपनी जीत दोहरा पाएगा। उस वर्ष, उन्होंने अपने सैन्य प्रतिद्वंद्वी प्रीबो सोबांटो को थोड़े वोट से हराया।
अब, इनमें से प्रत्येक प्रतिद्वंद्वी अपनी राष्ट्रवादी योजनाओं को जीतने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन देश में सबसे बड़ा मुस्लिम बहुमत वाला देश में जातीयता और धर्म का मुद्दा विशेष महत्व है।
धार्मिक बहुलवाद लंबे समय से इंडोनेशियाई समुदाय की विशेषता रहा है, लेकिन अब इस देश में इस्लामी रूढ़िवादी ने अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है।
श्री जोको विदोडो ने संवाददाताओं के साथ एक साक्षात्कार में कहा: कि " अनुमति नही देंग़ें कि देश में लोगों, दोस्तों और समुदायों के बीच एक अंतर पैदा हो जाए।
दोनों पार्टियां युवा लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रचार कर रही हैं जो देश में लगभग 80 मिलियन हैं।
दूसरी तरफ, ये दो प्रतिद्वंद्वी सामाजिक गतिविधियों पर अपनी गतिविधियों को तेज करते हैं और युवा पीढ़ी के वोटों को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं।
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