IQNA-यह वर्णन किया गया है कि इमाम मुहम्मद तक़ी (अ.स.) ने फरमाया: "जो कोई भी मेरे पिता इमाम रज़ा (अ.स.) पर यह सलवात पढ़ेगा, उसके सारे गुनाह माफ़ हो जाएँगे, इससे पहले कि वह अपनी जगह से उठे।" यह मुबारक सलवात अल्लाह की रहमत का खज़ाना है और इसे पढ़ने से, खासकर रौज़-ए-मुक़द्दस में, रिज़्क़ में वृद्धि, मुसीबतों से सुरक्षा और अल्लाह के करीब होने का सबब बनता है।
15:45 , 2025 May 09